Tuesday 28 May 2013

कर्मा के बेटे ने की सीबीआई जांच की मांग, कहा- नरसंहार नक्‍सली हमला नहीं राजनीतिक साजिश का नतीजा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए नक्‍सली हमले (देखें एक्‍स्‍क्‍लूसिव तस्‍वीरें) की जिम्‍मेदारी तो भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने ले ली है, लेकिन इस हमले के पीछे राजनीतिक साजिश की भी बू आने लगी है। हमले में मारे गए नेता महेंद्र कर्मा के बेटे ने तो साफ तौर पर इस नरसंहार को  राजनीतिक साजिश का नतीजा बताया है। कर्मा के बेटे दीपक कर्मा ने साफ कहा है कि शनिवार को नक्सली घटना नहीं हुई है। यह राजनीतिक साजिश है। अगर केवल महेंद्र कर्मा की मौत होती तो कहा जा सकता था कि यह नक्सली वारदात है। नंदकुमार पटेल और दिनेश पटेल की मौत से संदेह गहरा जाता है। इसलिए पूरी घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए। दीपक ने यह मांग केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह से भी की है। 
 
यही नहीं, घटना के पीछे राजनीतिक साजिश की बू उठने की और वजह भी है। 

साजिश का शक और गहराया 
 
परिवर्तन यात्रा के तयशुदा कार्यक्रम में किया गया बदलाव कई संदेहों को जन्म दे रहा है। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक परिवर्तन यात्रा के तहत कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के विधानसभा क्षेत्र (कोंटा) के सुकमा में 22 मई को सभा रखी गई थी। इस दिन सिर्फ यही एक कार्यक्रम तय था, लेकिन बाद में इस मूल कार्यक्रम में दो बड़े बदलाव किए गए। पहला- सुकमा की 22 मई को होने वाली सभा 25 मई को कर दी गई और दूसरा- सुकमा के साथ ही एक और सभा दरभा में भी रख दी गई। और उसी दिन कांग्रेस नेताओं के सुकमा से दरभा जाने के दौरान ही नक्सलियों ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया। यह किसी का आरोप नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रेस विज्ञप्ति से ही साफ हो रहा है।
 
2 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस की आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया था कि परिवर्तन यात्रा के तहत 22 मई को सुकमा में और 25 मई को अंतागढ़ और दल्लीराजहरा में सभा होनी है। बाद में इस कार्यक्रम में बदलाव किया गया। इस बदलाव की जानकारी बाकायदा 1 मई को जारी हुई प्रेस विज्ञप्ति में दी गई। 
 
सामान्य परिस्थितियों में इस बदलाव का कोई महत्व नहीं रहता लेकिन इस गंभीर हादसे के बाद यह सबसे महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला बिंदु हो गया है। कार्यक्रम को अंतिम रुप देने वाले पटेल अब नहीं रहे। इसलिए इस बारे में शायद अब कोई यह नहीं बता सकेगा कि किसके कहने पर परिवर्तन यात्रा का कार्यक्रम बदला गया। 
 
हत्‍याकांड की जांच एनआईए ने शुरू कर दी है, पर अभी यह तय नहीं है कि राजनीतिक साजिश के एंगल से जांच हो रही है या नहीं?

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